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हनुमान जी का अनोखा मंदिर, जहां पत्र भेज कर मांगते हैं मन्नत

 हनुमान जी का अनोखा मंदिर, जहां पत्र भेज कर मांगते हैं मन्नत


हनुमान जी का अनोखा मंदिर, जहां पत्र भेज कर मांगते हैं मन्नत
चमत्कारी धाम

HANUMAN MANDIR : उत्तर प्रदेश में हनुमान जी का एक ऐसा मंदिर है. जहां आप खुद न जाकर एक पत्र भेज कर अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं. हर साल देश दुनिया से दो से तीन लाख पत्र आते हैं हनुमान जी के दरबार में


 उनमें से  जिनकी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वह फिर हनुमान जी के दर्शन करने आते हैं. यह मंदिर 26 जनवरी 1967 को बना था, बनने  के बाद ही श्रद्धालु दर्शन करने आने लगे थे.

हनुमान जी का अनोखा मंदिर, जहां पत्र भेज कर मांगते हैं मन्नत
हनुमान जी महाराज फोटो सोर्स सोशल मीडिया


हनुमान जी का चमत्कारी के धाम माना जाता है|

देश का यह एक ऐसा हनुमान मंदिर है . जहां आप मंदिर के दर्शन करने नहीं करने नहीं जा पा रहे हैं . तो आप हनुमान जी को एक पत्र भेज कर अपनी मनोकामनाएं पूरी कर सकते हैं.
कहीं आपको यह झूठ लग रहा होगा पर यह सच बात है|

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दोस्तों मंदिर के पुजारी जी का कहना है कि हनुमान  सेतु  मंदिर में एक साल में दो से तीन लाख भक्तों के पत्र आते हैं. देश से ही नहीं बल्कि विदेश से विदेश के भी भक्त पत्र भेज कर मन्नत मांगते हैं .और मन्नत पूरी होने के बाद खुशी-खुशी दर्शन के लिए आते हैं. इन सभी पत्रों को मंदिर के पुजारी जी पढ़ते हैं .उसके बाद हनुमान जी के चरणों में अर्पित करके भूमि में विसर्जन कर देते हैं|


मानना है कि जब इस मंदिर का निर्माण हो रहा था, तब बाबा नीब करोरी  कहा कि जो भी भक्त हनुमान जी के दर्शन करेगा उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होगी ,और यदि कोई वक्त दर्शन के लिए नहीं आ सकता तो उसे सच्चे मन से भगवान बजरंगबली को पत्र भेज कर कामना करेगा तो उसकी मनोकामनाएं पूरी हो जाएंगी |











बाबा ने 70 के दशक में राजधानी को बाढ़ की त्रासदी से बचाया 

एक बार 70 के दशक में उस गांव में बाढ़  आई थी तब उस गोमती नदी की बाढ़ से मंदिर निर्माण को बाबा ने  बचाया था. माना जाता है कि वैदिक  मंत्र उच्चारण करके बाढ़ के सैलाब  को शांत किया गया, था पुल के निर्माण के समय के समय भी पुल बार-बार गिर जा रहा था .उससे  अधिकारी परेशान हो गए थे. फिर उन अधिकारियों ने बाबा से कहा तब बाबा ने  अधिकारियों से कहा कि तुम एक मंदिर का निर्माण करो फिर कोलकाता की एक बिल्डर ने पुल के साथ मंदिर भी बनवा दिया, उसके बाद पुल भी अच्छी तरह बन गय और मंदिर भी बन गया फिर 26 जनवरी 1967 को मंदिर बनने  के बाद दर्शन करने  भक्त  आने लगे|


लोगों की अटूट आस्था का केंद्र हनुमान सेतु

इस हनुमान मंदिर में लोगों की बहुत आस्था है . मंदिर में ऐसे चमत्कार होते हैं यहां से कोई खाली हाथ नहीं जाता, हनुमान सेतु   मंदिर को बाबा और ग्रेजुएट हनुमान भी कहते हैं लोग ,और डॉक्टर चंद्रकांत द्विवेदी ने बनवाया था यह मंदिर लखनऊ विश्वविद्यालय के समीप होने के कारण हनुमान जी को ग्रेजुएट हनुमान का नाम भी बाबा ने दिया था|

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