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PURNAGIRI MANDIR की सीढ़ियों की संख्या: जानें एक क्लिक में


PURNAGIRI MANDIR की सीढ़ियों की संख्या: जानें एक क्लिक में

PURNAGIRI MANDIR की सीढ़ियों की संख्या: जानें एक क्लिक में


 अगर आपको  मां पूर्णागिरी की यात्रा करनी है .तो आपको पैदल 3 किलोमीटर यात्रा पूरी करनी होगी.
Maa Purnagiri 108 शक्ति पीठो में से एक है . यह  स्थल उत्तराखण्ड राज्य के चम्पावत जिले के टनकपुर शहर से 22 किलोमीटर दूरी पर स्थित है  , यहाँ हम आपको माँ पूर्णागिरी के दर्शन से जुड़ी हुई हर एक जानकारी देंगे .जैसे यहाँ तक कैसे पहुंचे ,  कहाँ ठहरे , क्या क्या दर्शन करे , प्रसाद कहाँ ले , चढ़ाई का रास्ता कैसा है , भोजन की क्या व्यवस्था है , दर्शन की टाइमिंग क्या है , टनकपुर से यहाँ जाने का रास्ता , माता रानी के अलावा अन्य देखने वाली जगहे आदि |

माँ पूर्णागिरि मन्दिर ( Maa Purnagiri )

उत्तराखंड राज्य के चम्पावत जिले के टनकपुर नाम के शहर से 21 किलोमीटर दूरी पर स्थित अन्नपूर्णा शिखर पे माता रानी का यह पवित्र धाम स्थित है. यह नेपाल की सीमा से समीप है. इस मन्दिर की आराध्य देवी महाकाली माँ है.  पूर्णागिरि मन्दिर में देवीमहाकाली की पूजा अर्चना की जाती है .

आप थोडा सा समय निकालकर यहाँ अवश्य आये ,और यहां आकर माँ पूर्णागिरी के दर्शन करे ,और प्रकृति की ख़ूबसूरती को बेहद ही नजदीक से जाने ,मां पूर्णागिरि से जुड़ी समस्त जानकारी आपको आगे बताते हैं?

PURNAGIRI MANDIR की सीढ़ियों की संख्या: जानें एक क्लिक में
अन्नपूर्णा शिखर

कैसे पहुंचे पूर्णागिरि मन्दिर – How to reach Maa Purnagiri MANDIR


दोस्तों आप कहीं भी जाने का सोचते हो तो आपके मन में एक ख्याल जरूर आता है .जाए  तो कैसे जाएं बस से जाएं या ट्रेन से जाएं इसके बाद उस स्थल का लोकल ट्रांसपोर्ट कैसा है .तो आप निश्चिन्त रहे आपकी सभी समस्याओ का समाधान नीचे बता रहे हैं.

माता पूर्णागिरि के दिव्य दर्शन हेतु आपको उत्तराखण्ड में स्थित टनकपुर नाम की जगह पर आना होगा. और फिर टनकपुर से मुख्य मन्दिर की दूरी लगभग 22 किलोमीटर है. जिसमे से आपको लगभग 3 किलोमीटर की चढ़ाई पैदल करनी होगी तो आइये सबसे पहले जान लेते है टनकपुर पहुचने के तरीके ,


  (1) रेल मार्ग से


यदि आप ट्रेन द्वारा Maa Purnagiri के दर्शन करना चाहते हो ,आप को बता दे की नजदीकी रेलवे स्टेशन टनकपुर है.  जिसका कोड TPU है. इस रेलवे स्टेशन पे कई ट्रेन आती है.  एक ट्रेन दिल्ली से भी टनकपुर आती है .बाकी एक है वो लखनऊ बरेली होते हुए टनकपुर जाती है |आप देख ले आपके शहर से यहाँ की कोई सीधी ट्रेन है. तो ठीक है,  नहीं है तो कोई दिक्कत ही नहीं यदि नहीं है तो आप के आसपास के किसी शहर जैसे दिल्ली , लखनऊ , पीलीभीत , बरेली , प्रयागराज , गाजियाबाद , मुरादाबाद ,गोरखपुर, बदायूं ,मथुरा ,बनारस ,लखनऊ आदि तक अगर ट्रेन हो आप यहाँ आ जाये फिर यहाँ से आप टनकपुर की ट्रेन ले सकते है ?


   (2)सड़क मार्ग से


टनकपुर शहर बहुत ही अच्छी तरह से भारत के लगभग सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है. दिल्ली ,लखनऊ जैसे शहरो से तो आपको सीधी बस मिल जाएगी, और आप अपने साधन से भी बड़ी ही आसानी से यहाँ आ सकते है ?

   दोस्तों यह बात तो हुई टनकपुर तक आने की  अब ये जान लेते हैं  कि टनकपुर से माँ पूर्णागिरि मन्दिर तक कैसे पहुंचा जा सकता है?

PURNAGIRI MANDIR की सीढ़ियों की संख्या: जानें एक क्लिक में
मां पूर्णागिरि मुख्य प्रवेश द्वार

टनकपुर से माँ पूर्णागिरि मन्दिर तक कैसे पहुंचे.

दोस्तों अब आपका टनकपुर तक आ गए हो ,तो आपको टनकपुर रेलवे स्टेशन या बस स्टैंड से बड़ी ही आसानी से जीप मिल जायेगी. जो आपको ठूलीगाड नाम की जगह तक ले जाएगी उसके बाद आपको दूसरी जीप मिलेगी जो आपको टुन्यास तक लेकर आएगी. अब टुन्यास वही जगह है जहाँ से माँ पूर्णागिरि की लगभग 3 किलोमीटर की चढ़ाई शुरू होती हैं. कभी कभी आपको टनकपुर से टुन्यास की सीधी जीप भी मिल सकती हैं. इन जीप से जाने का किराया लगभग 60-70 रूपये प्रति व्यक्ति हो सकता है . या इससे ज्यादा भी हो सकता हैं.

इसके अलावा आप अपने साधन से भी टुन्यास तक अपने साधन से भी आ सकते हो आप एक कुशल ड्राईवर है तो आप आ सकते हैं. 

अब जो ये 3 किलोमीटर की चढ़ाई है इसमें भी थोड़ी दूर जाकर आपको दो रास्ते दिखाई देंगे दोनों ही बढ़िया हैं. बस एक रास्ते में सीढियां ज्यादा हैं. दूसरे में कम और दोनों ही रास्ते आगे जाकर एकमे मिल जाते हैं. 

माता पूर्णागिरि मन्दिर यात्रा में कहां रुके  –

  दोस्तों देखिये रुकने की यहाँ बहुत सारी जगहे हैं. आप टनकपुर में ही रुक सकते हों, टनकपुर में ढेर सारी धर्मशालाये होटल उपलब्ध हैं. इसके अलावा आप ऊपर जाकर माता रानी के नजदीक भी रुक सकते हैं.  यह आप पर निर्भर करता हैं. जब आप चढ़ाई शुरू करेंगे तो रस्ते में आपको ढेर सारी प्रसाद की दुकाने दिखाई देंगी और हर एक प्रसाद की दुकान में आपको रुकने की , स्नान करने की सेवा निशुल्क मिल जाएगी इसके बदले आप उसी दुकान से प्रसाद खरीदना होगा, जिसकी कीमत 50 रूपये से शुरू हो जाएगी वैसे यहाँ आपको 151 , 250 , 500 , 2100 ऐसे रेट बतायेंग लेकिन आप मोलभाव करके अपने हिसाब से प्रसाद ले लीजिये ?

पूर्णागिरी मन्दिर यात्रा में भोजन की व्यवस्था.

दोस्तों देखिये टनकपुर तो शहर हैं.  यहां आपको हर प्रकार का भोजन मिल जायेगा लेकिन हम यहाँ हम बात कर रहे ऊपर भोजन की व्यवस्था के बारे में तो आप निश्चिन्त रहे,आपको पैदल चढाई के दौरान ढेर सरे होटल मिल जायेंगेें. जहाँ आप भोजन कर सकते हो.

यहाँ की एक औसत थाली की कीमत लगभग 70-80 रूपये होती हैं. जिसमे आपको चार रोटी दाल सब्जी चावल मिल जायेगा इसके अलावा आपको जगह जगह पे और भी खाने पीने जैसे चाय मैगी कोल्डड्रिंक जैसे अन्य विकल्प भी मिल जायेंगे?

पूर्णागिरि मन्दिर के रस्ते में पड़ने वाले अन्य प्रसिद्ध मन्दिर

अब आपको दर्शन कराते है माँ पूर्णागिरि रास्ते में पड़ने वाले ऐसे मन्दिरों के बारे में जिनके बिना आपकी यात्रा अधूरी मानी जायेगी –

टुन्यास का भैरव मन्दिर 

टुन्यास का भैरव मन्दिर
भैरव मंदिर फोटो सोशल मीडिया


टुन्यास ये  वही जगह हें जहाँ से आपको यात्रा प्रारंभ करनी हैं. यही पे भैरव बाबा का एक मन्दिर हैं. जिसके आपको दर्शन करने है एक बात ध्यान दें जब मां पूर्णागिरि के दर्शन कर ले उसके बाद जब आप वापसी करे तब भैरव बाबा के दर्शन अवश्य करे ?

झूठे का मन्दिर

दोस्तों जो भी भक्त माँ पूर्णागिरी के दर्शन हेतु आता हैं. उसे झूठे का मन्दिर में दर्शन करने  अवश्य जाना चाहिए, यह आपको चढ़ाई करते समय रास्ते में ही दिखेगा यहाँ पे रुककर दर्शन कर ले , झूठे का मन्दिर के पास से ही चढ़ाई के दोनों रास्ते एक में मिल जाते हैं. और यही से सिर्फ एक ही रास्ता ऊपर की और जाता हैं. 

माता रानी के धाम की यात्रा से सम्बन्धित अन्य उपयोगी जानकारियां

दोस्तों सबसे पहले यह जान ले की जो मां पूर्णागिरि की चढ़ाई का रास्ता हैं. बेहद ही मनमोहक हैं. आप जैसे जैसे ऊपर चढ़ेंगे तो आपको बहुत ही हरे भरे पेड़ दिखाई देंगे ,जो निश्चित तौर से आपको तरोताजा कर देंगे ,आप चढ़ाई कम सीढ़ी वाले रास्ते से करे ,तो आपको बहुत ही अच्छे प्राकृतिक मनमोहक दृश्य देखने को मिलेंगे. यहाँ आपके फोटो वगैरह भी बहुत ही बेहतरीन आयेंगे ,और आपको यात्रा का मजा भी आएगा , रास्ता में धूप से बचाव हेतु टिन शेड हैं. और किसी प्रकार के हादसे से बचाव हेतु जालियां लगी हुई हैं. 

यदि आपके पास बैग है तो बैग लेके यात्रा करने में आप परेशान हो सकते हों. इसका विकल्प यही है आप चढ़ाई शुरू कर दो, जब आपको बैग से दिक्कत महसूस हो तो वही पे जो भी प्रसाद की दूकान हो वही पे विश्राम करे नहा धो ले बैग जमा करके प्रसाद लेके अपने जूते चप्पल वही पे उतार के अपनी आगे की यात्रा माँ के जयकारो के साथ आरंभ करे.

श्री सिद्धबाबा मन्दिर ब्रम्हदेव  नेपाल.

दोस्तों ऐसी मान्यता है की मां पूर्णागिरि दर्शन के लाभ तभी मिलते हैं. जब आप माँ के दर्शन के बाद नेपाल के कंचनपुर जिले में स्थित श्री सिद्धबाबा के दर्शन  कर ले ,तो अब आप का अगला पड़ाव श्री सिद्धबाबा मन्दिर होना चाहिए, यहाँ आने के लिए आपको टनकपुर से शारदा बैराज आना होगा .जो की आप ई रिक्शा से आ सकते हैं. फिर आपको बैराज को पैदल ही पार करना होगा इसके बाद पड़ेगी नेपाल की चेक पोस्ट जहाँ आप आधार कार्ड या अन्य कोई आईडी दिखाके आगे  जाने दिया जाएगा.

कब जाए माँ पूर्णागिरी धाम

दोस्तों देखिये यहाँ आप दर्शन हेतु कभी भी आ सकते हैं. लेकिन गर्मियों में यहाँ भी गर्मी बहुत ही पड़ती हैं .बस ऊपर जहाँ माता का मुख्य मन्दिर हैं. वहा हलकी सी ठण्ड लगती है . बाकी टनकपुर में गर्मी ही रहती है .बरसात में यहाँ जाने से आप बचाव करें, क्यूंकि पहाड़ बरसात में थोडा खतरनाक हो जाते हैं. यदि आपको ज्यादा भीड़ भाड पसन्द नहीं है . तो यहाँ आप नवरात्र के समय ना जाए, क्यूंकि उस समय यहाँ भीड़ होती हैं. मेरे हिसाब से तो बरसात में यहाँ जरूरी न हो तो जाने से बचे बाकि कभी भी जा सकते हैं?


       यह भी पढ़ें ,पूर्णागिरी मंदिर का इतिहास

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